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Becoming Best Friends


Happy Birthday Siddharth

@ Ghanteshwari Temple

@ Right Dike, Burla
@ Right Dike, Burla

From foundations of GNPS
To VSSUT pillars.
From “Good Morning Deepak”
To “Deepak, My boy, My born killer”.

From daylight studies
To late night badminton tricks.
From 9th class Maths
To Advanced Engineering Mathematics.

From my dark secrets to yours,
Its our friendship that always endures.
From my love story to yours,
All those stories that my heart stores.

From listening my poems
To listening your guitar.
From “Going for exams”
To unforgettable trips in your car.

From just “Happy Holi” to
celebrating it at your home.
From Sony Xperia S
To your latest jio phone.

From “Will you come?”
To “You’ll have to come”
From dinner at my abode
To lunch at your home.

From sharing one tution to
Sharing movies too.
From Bahubali One
To Bahubali Two.

From my simple smiling pics
To your stupid pose.
From my very first poem
To this latest prose.

From just birthday chocolates
To RajRatan Treats
From my Chhat Puja thekuaa
To your Diwali sweets.

From C, C++ to
complicated PHP codes.
From “Hello World” program
To “Logik-Magik” file uploads

From “Back Bencher & Front Bencher”
To designer of “Back End & Front End”
Lies our story of
BECOMING BEST FRIENDS.

Hope this journey never ends…
-Deepak Kumar Sahu
27/11/2017

From GNPS TO VSSUT... 



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Art By : Amrita Patnaik  दिसम्बर की ठंड और मुझसे दूर तुम। मानो खुद के ही शहर में हो गया मैं गुम। आज भी हर सुबह, वो शाम याद आए, तुम, मैं और दो कप चाय । कड़कती ठंड में भी तुम जैसे, सुबह की हल्की धूप। ढलती शाम में भी निखरते चाँद का प्रतिरूप। वो सारे शाम, जो हमने साथ बिताए, तुम, मैं और दो कप चाय । साथ चलते - चलते उस शाम, तुमने चाय की फरमाइश की। और मेरे ना कहने की तो कोई गुंजाइश न थी। बहुत खूबसूरत लगती हो जब, होठों की मुस्कान, आँखों में आ जाए, तुम, मैं और दो कप चाय । बनते चाय में आता उबाल, जैसे तुम्हारे नाक पर गुस्सा। छोटी - मोटी नोकझोंक, वो भी हमारे प्यार का हिस्सा। तेरा मुझे डाँटना, आज भी मुझे रिझाए, तुम, मैं और दो कप चाय । दोनों हाथों से चाय का गिलास पकड़कर, तुम्हारा वो प्यार से फूँक लगाना। उन प्यारी - प्यारी अदाओं से दिल में मीठा हूँक उठाना। फिर गिलास को चूमती वो गुलाबी होंठ, हाय!!!! तुम, मैं और दो कप चाय । हर चुस्की पर सुकून से तेरा, वो आँखें बंद कर लेना। और खुली आँखों से तुम्हें तकते - तकते मेरा जी...

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