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हमारी भक्ति

हमारी भक्ति 

Shot By : Lopamudra Patnaik
Art By : Anwesha Mishra

हे प्रभु, तुमने मानव को 
किस बुद्धि से सींचा? 
मैं आश्चर्य हूँ, देख मानव के 
पूजने का तरीका। 

कलयुग के मानव के पूजन में, 
नहीं रही थोड़ी भी भक्ति। 
वे पाना चाहते हैं केवल 
धन, दौलत और शक्ति। 

मानव ने तुम्हारे पूजन में 
फूल ही फूल बरसाए। 
पेड़ों को बेरंग बनाकर 
मानव क्यूँ यूँ हर्षाए? 

तेरे इस मृत्युलोक में, 
ऐसे भी हैं जनाब। 
ग्यारह रुपए का प्रसाद चढ़ाकर 
ग्यारह करोड़ के देखते ख्वाब। 

तुझको खुश करने हेतु 
रखते हैं लोग उपवास, 
किंतु स्वयं के शरीर को दुख देकर, 
उड़ाते हैं अपना उपहास। 

हे मानव, 

करना है पूजा तो 
करो गरीबों की सेवा। 
देख अच्छे कर्मों को 
कृपा करेंगे देवा। 

-दीपक कुमार साहु 
-Deepak Kumar Sahu 
-2012

शब्दार्थ

  1. सींचा - To irrigate, nourish 
  2. आश्चर्य - Surprised 
  3. हर्षाए - To become happy 
  4. मृत्युलोक - Earth ( where death comes to every living being) 
  5. जनाब - Gentleman 
  6. हेतु - के लिए 
  7. उपहास - To make fun of
  8. देवा - God
  9. कृपा - Pity, Kindness 
  10. सींचा - To irrigate, nourish 
  11. आश्चर्य - Surprised 
  12. हर्षाए - To become happy 
  13. मृत्युलोक - Earth ( where death comes to every living being) 
  14. जनाब - Gentleman 
  15. हेतु - के लिए 
  16. उपहास - To make fun of
  17. देवा - God
  18. कृपा - Pity, Kindness 


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