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Showing posts from April, 2022

ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं...

रोज कहकर जाते हैं, आज जल्दी घर आ जाएँगे,  रोज सुबह 9 से रात के 10 बजे जा रहे हैं, ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं...  ये पता है कि पीछे से वार किसने किया है,  फिर भी चुप चाप ज़ख्म सीए जा रहे हैं,  ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं...  रोने का मन कर रहा है हमारा,  पर आँसू के घूंट पीए जा रहे हैं,,  ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं...  अब खुद से प्यार नहीं रहा पर,  दूसरों के खातिर सजे जा रहे हैं,  ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं...  एक सच है जो हम शुरू से जानते हैं, फिर भी झूठे वादे किए जा रहे हैं, ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं... ये किताब भी हम पढ़ेंगे नहीं,  ना जाने फिर भी क्यूँ लिए जा रहे हैं?  ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं...  जानते हैं हम तैय्यार नहीं हैं, फिर भी हर इम्तेहान दिए जा रहे हैं,  ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं...  एक जिंदगी है जो हम जीना चाहते हैं, एक जिंदगी हम जिए जा रहे हैं, ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं...     ऐ जिंदगी तेरे मजे नहीं आ रहे हैं… -दीपक कुमार साहू  26/04/2022  05:02 PM