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Showing posts from June, 2019

कहानी अभी खत्म नहीं हुई है - अध्याय 3

अध्याय 3 हम बुआ के घर पहुँच चुके थे। अंदर घुसा तो मैंने देखा कि इन छह सालों में बहुत कुछ बदल चुका था। उनकी जो लंबी चौड़ी ज़मीन थी उस पर उन्होंने दो तल्ला छत का घर बना लिया था। जिसमें छह कमरे, तीन स्नानघर और एक छत थी। सामने एक खुला आँगन था जिसमें एक हैण्डपम्प था जिसे वहाँ के लोग चापाकल भी कहते हैं। उस आँगन में एक अमरूद का पेड़, एक अनार का वृक्ष और चार - पाँच अलग प्रकार के फूल के वृक्ष या ये कह लो कि पौधा था। उस बड़े से आँगन के आगे इन्होंने दो छत के गोदाम बनाए थे। उन दो गोदामों के बीच एक संकरा रास्ता निकलता था जो आगे एक और खुले आँगन की ओर खुलता था। और उसी के आगे थी सड़क। आगे के दो गोदाम इन्होंने भाड़े में दिए थे। मैंने अंदर जाकर बुआ, फुफा जी के चरण स्पर्श किए। मेरी बुआ के तीन बेटे हैं। सबसे बड़े का नाम श्याम। मंझले का राम और छोटे बेटे का नाम कृष्णा। इनके अलावा एक बेटी भी है। जिनका नाम है इंदु। इंदु दीदी की शादी बहुत सालों पहले हो चुकी थी। मैंने इनके भी चरण स्पर्श किए। मैंने देखा कि शादी जैसा कोई माहोल ही नहीं था। सभी आलस्य में बैठे हुए हैं। मैंने तभी अपनी मानसिकता बदल ही ली।

वक़्त आने को है...

ढल जाएगी दिन शायद, शाम आने को है, उम्र गुज़र रही है, धुंधले हो रहे हैं नज़रे भी, लगता है, वक़्त आने को है। शैतानियाँ हो गई बहोत, फ़र्ज़ भी बहोत निभा लिए, अब बच्चे फ़र्ज़ निभाने को हैं, आँखें बंद होने को है, लगता है वक़्त आने को है। दिन कम बचे हैं, न और कुछ पाने को है, बस अब सब खोने को है, मेरा समय जाने को है, अब मेरा वक़्त आने को है। मेरा वक़्त आने को है। Writer Shiva rajak 2june 2019

मेहनत की कीमत

आज एक कहानी सुनाता हूँ, जिसमें एक सुंदर झोपड़ है। है जिसमें एक मेहनती बाप और एक बेटा जो लोफर है। पिता अपना पेट काट - काटकर थोड़े पैसे जुटाता था। उन पैसों को चुराकर बेटा, हर महीने हजारों रुपए उड़ाता था। बुरी संगति का निखरता असर उसके ऊपर यौवन का जोश। दिखावटी प्रवृत्ति में ही बेटा रहता था मदहोश। बेटे का जीवन था मानो, चंद्र ग्रहण की निशा। बहुत बुरी थी उसकी दशा। बिल्कुल गलत थी जिसकी दिशा। एक रात बेटा फिर खोल रहा था तिजोरी। पिता ने अब पकड़ ली बेटे की चोरी। पिता गुस्से से कहता है मैं हर दिन खून पसीना बहाता हूँ। तब जाकर तेरे भविष्य के लिए। कुछ पैसे जुटा पाता हूँ। बेटा कहता है - ये पैसा तो मेरे लिए है तो क्यूँ आप अकड़ रहे हैं। इस छोटी सी बात को इतना क्यूँ पकड़ रहे हैं। बाप कहता है - जीवन की असलियत से तू बिलकुल है अंजान। इसीलिए तुझे लगता है पैसा कमाना है बिलकुल आसान। पिता : तो ठीक है, मैं भी देखना चाहता हूँ, तेरे नसीब में क्या है लिखा। तू हजारों रुपए उड़ाता है ना, चल पचास रुपए कमाकर दिखा। अपने जीवन में आत्मसम

कहानी अभी खत्म नहीं हुई है - अध्याय 2

अध्याय 2 हम सभी बड़े थक गए थे। मैंने सोचा, कोई ना कोई लेने जरूर आएगा हमें रेल्वे स्टेशन। मैं गलत था। कोई भी नहीं पहुँचा। हम थके मांदे स्टेशन से बाहर निकले। स्टेशन की गेट पर हमने सामान रखा। तब पापा कोई रिक्शा लेने गए थे यहाँ मैं पानी की प्यास से बेहाल हो रहा था। हमारे बोतल का पानी खत्म हो गया था। मैंने भी सोचा अब बुआ के जाकर ही पी लेंगे। इतने में पापा आए रिक्शा नहीं बल्कि मिठाई लेकर। कहने लगे बहन के घर खाली हाथ कैसे जाएँगे। फिर वो रिक्शा लेने गए। रिक्शा और वो भी बिहार का मेरे लिए खासा परेशानी का सबक बन चुका था। एक छोटी सी घटना मुझे याद है, पिछली बार जब मैं यहाँ आया था, तब पिताजी ने दो रिक्शा किया था, हम चार लोगों के लिए। बेगूसराय और सम्बलपुर, इन दो शहरों के रिक्शा में बहुत फर्क़ है। रिक्शा का तल जिसपर हम पैर रखते हैं, सीट पर बैठने पर, वह सम्बलपुर के रिक्शे में तो समतल होती है पर बेगूसराय के रिक्शे में वह तल 45° के कोण में नीचे की ओर झुकी हुई होती है। उस वर्ष मैं और माँ एक रिक्शे पर थे। मुझे ऐसे रिक्शे का अनुभव नहीं था। मैं जैसे ही पैर रखता पैर फिसलने लगता था। मैं बगल वाली

Please don't go...

In the middle of the ocean, Below the blazing sun, I need your hand From this day, to the world's end. You are the best blessing That God can bestow.... Please don't go. We have shared good time We fought the bad time, Passing by all the length You were my real strength. You always make my day, When you call and say "Hello" Please don't go. In my deepest darkest night, When I was all alone to fight, You came as my only hope Taught me to rise up and cope. The dead and the cold winds Again started to blow, Please don't go. You always made me smile, No matter how much the situation was fragile, You hugged me with all your hearts Thus it always hurts when you depart All alone away from you, I have started feeling low Please don't go. We were happy, the pictures can't lie, Overwhelmed, I am unable to take off my eyes, Hundreds of days, Thousands of stories It's impossible to forg