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Showing posts from January, 2020

तू चलता जा, बस चलता जा।

अपनी एक अलग पहचान बनाने के खोज में, जिम्मेदारियों के बोझ में, तू चलता  जा , बस चलता जा । दुष्वारियों के साथ, अलग ही मुकाम के चाह में तू जलता जा तू चलता जा ,बस चलता जा परेशान मत हो, ढूंढ रहा है तुझे वो, जो तेरे सफर की है मंज़िल बस उमीद लिए तू कार्य करता जा ,करता जा बस चलता जा , तू चलता जा। माना, खामियां है बहोत तुझमे, दुनिया भी कोनसी जो सरीफ है, तू अपनी ही धुन बनाता जा, धुन को निखारता जा, तू बनता जा , बस बनता जा, तू चलता जा ,बस चलता जा । एक दिन चाह होगी दुनिया को तुझे भी सुनने की, तू बस हर चोट के साथ, और निहरता जा, निखरता जा, तू चलता जा, बस बनता जा । वो जो लिखा है खुदा ने, होना ही है एक दिन जरूर, मौत तो नसीब मे लिखी है हर किसी की, पर मरता कोंन है हज़ूर। पर मिट्टी में फिर से मिलने से पहले कुछ अच्छा ऐसा करता जा, हर किसीको नही सही , पर किसी के दिल मे तो घर करता जा करता जा ,तू चलता जा, बस चलता जा। ये तो किरदार का खेल है, नाम, रुतबा, और पैसा सब बकवास है, मेहनत की कसम को बांध हाथो में और चलता जा, बस चलता जा। डरना या रुकना मत, इस दु