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Showing posts from December, 2020

Shayari No. 13

 तुम्हारा अंजाम इतना आम नहीं होना चाहिए था पता था कि तुम चले जाओगे, ऐसे ही जाओगे, जानते थे, पर ये दिल मानने को तैय्यार नहीं था

Shayari No. 12

 टूट गया ना फिर एक बार? तुमने ही ज़िद की थी, फिर से प्यार करने की...

Shayari No. 11

 Shayari No. 11 सूख गए रे आँसू, खामोश हैं चीखें... अब कैसे विश्वास दिलाएं, दर्द हमें भी होता है...

Shayari No. 10

 Shayari No. 10 वो शहर पराया लगता है अब, इसलिए नहीं कि मैं वहाँ नहीं रहता, ब्लकि इसलिए कि मेरे यार वहाँ से चले गए... और महबूब की डोली उठ गई...

Shayari No. 9

 Shayari No. 9 कभी मिलो फुर्सत में तो हिसाब कर लेंगे, तुम जी भर डांट देना, मैं मन भर रो लूँगा,, फिर जुदा हो लेंगे...