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Kuch bhi nahi

शब्दार्थ   महताब - चाँद, रुखसार - गाल, चारा-साज़ - डॉक्टर, जॉन - Jaun Elia कुछ भी नहीं  ईद का महताब उसके रुखसार के अलावा कुछ भी नहीं  और मेरे प्यार में, इंतज़ार के अलावा कुछ भी नहीं... उसे देखा तो जाना कि, परियों की दुनियाँ सच्ची है,, मैं तो मानता था, ब्राह्मण में इस संसार के अलावा कुछ भी नहीं... वो एक बार देख लेती है और मैं मर जाता हूँ,, आँखें उसकी सच बोलूँ, एक हथियार के अलावा कुछ भी नहीं... सुबह होती है और मैं सपने भूल जाता हूँ,, याद बस उसकी पायल की झनकार के अलावा कुछ भी नहीं... मेरे दिल के घर को बस तुमने ही हथियाया है,,  और मैं तेरे दिल के किराए-दार के अलावा कुछ भी नहीं... तू कहानी है मेरी... तू मेरी जिंदगी है...  मैं तेरी जिंदगी में एक किरदार के अलावा कुछ भी नहीं...  उसे जो पसंद है वो तोहफे महंगे आते हैं,, और मेरे जेब में रुपये चार के अलावा कुछ भी नहीं... मुझे खुद से मेहनत करना है और जग में आगे बढ़ना है,, विरासत में मिला मुझे संस्कार के अलावा कुछ भी नहीं... मैंने भी कमाएं हैं जिंदगी में कुछ ऐसे रिश्ते,, कि दौलत के नाम पर दो यार के अलावा कुछ भी नहीं... सब की उम्मीदें मुझसे थी क्यूँक
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Shabdo ka Sahara

  अगर मेरा महबूब इतना प्यारा ना होता, हर बाजी जितने वाला लड़का दिल हरा ना होता। उससे बात करने की कभी हिम्मत नहीं होती, पता पूछने को उसने अगर पुकारा ना होता। दो बिल्कुल जुदा लोग कभी प्यार में ना पड़ते,  अगर ईश्वर का इसमे कोई इशारा ना होता।  हम दोनों साथ में इतने खुश नजर नहीं आते तो,  लोगों में चर्चा फिर हमारा ना होता।  कॉलेज की आखिरी दिवाली रोशन ही ना होती अगर साड़ी पहन कर तुमने खुदको संवारा ना होता। झुकी नजर वाली तेरी तस्वीर और भी सुंदर आती  अगर काली बिंदी माथे से तुमने उतारा ना होता। तेरे पास रहने पर तो मैं भी खिल उठता हूँ, तेरे बगैर खूबसूरत कोई नजारा ना होता। जुदा होने में कितना दर्द है ये खबर ही ना होती अगर,  वो आखिरी शाम मेरे संग तुमने गुजारा ना होता।  सालों हमने साथ साथ एक ही कश्ती में सफर किया,  काश हमारा अलग - अलग किनारा ना होता।  होती मेरे रुबरु तो आँखों में पढ़ लेती तुम,  फिर काग़ज़ कलम और शब्दों का सहारा ना होता।  -दीपक कुमार साहू  6th March 2023 12: 37 AM

Jee kar koi mar jata hai...

जी कर कोई मर जाता है... प्यार का रंग महबूब पे कुछ ऐसा कर जाता है,  हर बार उसमें हमको नया गुलिस्तां नजर आता है...  होने को तैय्यार वो वक्त नहीं लगाती,  हँसती है वो और चेहरा संवर जाता है...  कहते हैं लोग कि जिंदगी तेज चलती है,  वो आती है सामने और आलम ठहर जाता है...  कान पकड़ते हैं लोग उस्तादों का नाम लेके  तेरा नाम लेता हूँ और हाथ दिल पर जाता है...   कृष्ण के मुख में होगा ये ब्रह्मांड मगर,  आँखों में तेरी मुझे दुनियाँ नज़र आता है...  रातों को जगना इतना भी मुश्किल नहीं,  मैं तकता हूँ तेरी तस्वीर, और सहर हो जाता है...  दोस्तों को मालूम है मुझको कैसे छेड़ा जाए,  वो लेते हैं नाम तेरा, मेरा चेहरा निखर जाता है...  मैं भी अपने चाँद को तारे देना चाहता हूँ,  पर टूटता है तारा तो टूटकर किधर जाता है?  वो तो मुझको कहती है कि "बड़े बदमाश हो गए हो"  पर मैंने सुना था मोहब्बत कर लो, बंदा सुधर जाता है...  बाजार में उसके पीछे, कभी इस दुकां कभी उस दुकां जैसे माँ का पल्लू पकड़े बच्चा,  कभी इधर जाता है, कभी उधर जाता है...  उसके आने से पहले का वक़्त काटे नहीं कटता है,  मैं पूछता हूँ दिन कैसा गया? और

आकांक्षा

रोज नई चुनौती, उथल-पुथल, जीवन में कोलाहल चाहता हूँ  फिर भी स्वभाव, अपना मैं, निर्मल और शीतल चाहता हूँ...  गिनती में भले अधिक हो, द्वारका की नारायणी सेना,  निहत्थे कृष्ण जहाँ उपदेश दें, मैं तो वही दल चाहता हूँ  सही और गलत की, सही परख कर सकूँ, अपने अंदर ईश्वर से, बस इतनी सी अकल चाहता हूँ... कब तक ये खामोशी, चुभती रहेगी हमारे बीच  तेरे मेरे झगड़े का मैं, अंतिम कोई हल चाहता हूँ...  किसी का दमन करने का, मुझको कोई शौक नहीं पर,  आत्मरक्षा कर सकूँ, इतना तो बल चाहता हूँ...  इंसान और इंसानियत पे, फिर से भरोसा करने लगा हूँ  टूट जाऊँ फिर से, ऐसा कोई छल चाहता हूँ... पढ़कर मेरे लेखन को तुम, हँस भी दो और रो भी दो, जिंदगी में बस इक दिन, ऐसा ही एक पल चाहता हूँ... जिन लोगों ने बीते कल में, मुश्किल में भी साथ दिया  सिर्फ उन्हीं के साथ मैं अपना, आने वाला कल चाहता हूँ ...  -दीपक कुमार साहू  6th December 2022 11 : 51 PM

Shayari No. 87

 पहले तस्वीर कोई एक लेता था,  और देखते सभी थे...  आज तस्वीर सभी लेते हैं, पर देखता कोई नहीं...

Shayari No. 86

  We all are searching for that LIGHT  in our life...  which is worth dying for...  which is worth living for...

My Dear Love

You make my lips smile Just with a love text, And I ask myself Why are you so perfect? You drifted into my heart Leaving me insane, Every time I see you I fall for you again... I crave for you badly Wanting us to unite, Like the comforting pillow  That I hug in the night... You with me still feels Just like a dream, I wake up with ur thoughts With every morning's beam... My feelings for you  are growing so deep, You are the only reason Behind my lack of sleep... I see my world in you As you are my life, Proposing here by Will you be my wife ?