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Bambai ki Barsat


बंबई की बरसात 

Image Credit : Meta AI

ईश्वर का सौगात हो तुम,
जिंदगी की शुरुआत हो तुम
सबसे छुपाकर रखा जाए,,
प्यारी सी वो बात हो तुम,
इंतजार को परखा जाए,,
छठ पूजा की रात हो तुम,
देखने को मन ललचाए,,
पूनम का महताब हो तुम,
नींद में भी हम मुस्काए,,
भोरे भोर का ख्वाब हो तुम
वेद पुराण सब व्यर्थ हो जाए,,
अगर किसी को ज्ञात हो तुम
बातों में कोई जीत ना पाए,,
आखिरी शय और मात हो तुम
चलते जाता हूँ मुस्काए,,
जब से मेरे साथ हो तुम,
याद तुम्हारी इतनी आए
दिल के ऐसे ज़ज्बात हो तुम
अब तुमको कैसे समझाएं
मेरी पूरी कायनात हो तुम
कोई तुम्हारे करीब आ जाए
तब ईर्ष्या का उत्पात हो तुम
प्रेम की तरह हम बहते जाएं
गंगा की वो घाट हो तुम
याद जो, हर बार याद आए
उस शाम की मुलाकात हो तुम
कभी हँसे तो कभी रुलाए
बंबई की बरसात हो तुम...

-दीपक कुमार साहू
23rd July 2025
02 : 00 : 35 AM

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