मेरे सपनों का भारत
एक सपना देखा।
सपने में वतन
अपना देखा।
मैंने देखा कि भारत बन गया है
विकासशील से विकसित।
जहाँ बच्चे से लेकर बूढ़े
सभी थे शिक्षित।
लोग कर चुका कर अदा
कर रहे थे अपना फर्ज़।
और काले धन से मुक्त होकर
भारत पे नहीं था करोड़ों का कर्ज़।
मेरे सपने में तो भारत
अमेरिका के भी विकास के करीब था।
उस भारत में, हरेक के पास रोज़गार
और कोई नहीं गरीब था।
जहाँ हर ओर मज़बूत सड़क, ऊँची इमारत
और खेतों में हरयाली थी पर्याप्त।
जहाँ विज्ञान का विकास और
सर्वश्रेष्ठ थी यातायात।
जहाँ उच्चतम तकनीकी विकास
और विकसित था संचार।
जहाँ नेता भलाई करते थे
और शून्य पर था भ्रष्टाचार।
मेरा सपना यहीं तक पहुँचा था
कि हो गयी भोर।
मेरी नींद टूट गई
सुनकर गली में एक शोर।
गली में कोई
ऐसा गर्जित हुआ।
कि स्वप्न को छोड़, वास्तविक भारत की ओर
मेरा ध्यान आकर्षित हुआ।
इस शोर ने मुझे देर से सोने की
दे दी थी सजा।
मैंने खिड़की खोलकर देखा कि
शोर की क्या थी वजह?
मैंने देखा एक हिंदू और एक मुस्लिम
आपस में झगड़ रहे थे।
धर्म को आड़े हाथों लेकर
बेकार में लड़ रहे थे।
मैंने मन में कहा -
इनके मन में कहीं ना कहीं
जरूर देश भक्ति है।
बस इन्हें इतना समझना होगा
कि संगठन में शक्ति है।
उन्नति के लिए एकता की जरूरत
यहीं दुनिया का दस्तूर है।
जिस भारत का स्वप्न मैंने देखा था
वो तो काफी दूर है…
-दीपक कुमार साहू
-Deepak Kumar Sahu
12:28 AM
17/03/2014
शब्दार्थ
- विकासशील - Developing
- विकसित - Developed
- शिक्षित - Educated
- कर - Tax
- पर्याप्त - Enough
- सर्वश्रेष्ठ - Topmost
- यातायात - Transportation
- उच्चतम - Best
- तकनीकी - Technical
- गर्जित - Shouting in a harsh & deep tone
- संगठन - Unity
- दस्तूर - Rule
Comments
Post a Comment