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टाईम नहीं है

टाईम नहीं है
Shot By : Preet Tripathy 

Introduction :

इस आधुनिक और शहरी जीवन में
शांति का सूरज अस्त हो गया है।
अनोखी बात है कि, नवजवान से लेकर
बच्चा - बच्चा व्यस्त हो गया है।

मोह माया ने हर किसी को
जड़ से पकड़ा हुआ है।
मानव हर क्षण समय के
जंजीर में जकड़ा हुआ है।

आज किसी को किसी के लिए
वक़्त नहीं है।
मानो हाड़ - मांस का पुतला हो मानव
लेकिन उसमे रक्त नहीं है।
Shot By : Preet Tripathy 

Art By : Amrita Pattnaik

Poem :
पिता को अपने जान के लिए,
अपने ही संतान के लिए,
टाईम नहीं है।
बच्चों को खेलने के लिए,
रिश्तेदारों से मिलने के लिए,
टाईम नहीं है।
बहन को रुलाने के लिए,
पेट भर खाने के लिए,
टाईम नहीं है।
छोटे बड़े सपनों के लिए,
अपनों को अपनों के लिए,
टाईम नहीं है।
रात को तारे गिनने के लिए,
प्यार के स्वेटर बुनने के लिए,
टाईम नहीं है।
परिवार को हँसाने के लिए,
मकान को घर बनाने के लिए,
टाईम नहीं है।
अब आम तोड़ने के लिए,
छत पर चाँदनी बटोरने के लिए,
टाईम नहीं है।
सो कर रात काटने के लिए,
खुशियाँ और गम बाँटने के लिए,
टाईम नहीं है।
गिरे हुए को उठाने के लिए,
नए दोस्त बनाने के लिए,
टाईम नहीं है।
सूर्योदय देख पाने के लिए,
थोड़ा सा गुनगुनाने के लिए,
टाईम नहीं है।
सर्दी में छींकने के लिए,
सावन में भीगने के लिए,
टाईम नहीं है।
जिंदगी जीने के लिए… तो छोड़ो,
खुद के फटे कपड़े सीने के लिए भी
टाईम नहीं है।
प्यार करने के लिए,
किसी पे मरने के लिए,
टाईम नहीं है।
नेता को जनता के लिए,
देश में प्रसन्नता के लिए,
टाईम नहीं है।
शांति के प्रचार के लिए,
फैलते भ्रष्टाचार के लिए,
टाईम नहीं है।
देश भक्ति के भाव के लिए,
लोकसभा चुनाव के लिए,
टाईम नहीं है।
देश भक्ति जताने के लिए,
15 अगस्त मनाने के लिए,
टाईम नहीं है।
दिल से दूर, या दिल के करीब के लिए,
अमीर को गरीब के लिए,
टाईम नहीं है।
अरे, छोड़ो देश के गंजन के लिए,
सुबह - सुबह तो दंत मंजन के लिए,
टाईम नहीं है।
ख़ैर, भावनाएँ तो बहुत हैं पर
सपनों को संजोने के लिए,
ख्वाबों में खोने के लिए,
खयालों को शब्दों में पिरोने के लिए भी
टाईम नहीं है।

-दीपक कुमार साहू
19/08/2014
11:14 PM

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