Skip to main content

Posts

Showing posts from June, 2022

Shayari No. 72

   हो मेरी भी गलती, वो खुदको दोष देता है, माफ़ी माँग माँग कर खुद को कोस लेता है, मैं ख़ामोश होकर देख लूँ जो उसे भरी आँखों से,,  वो दोनों हाथों से मेरे आंसू पोंछ देता है...