कभी पढ़ के देख तू
कभी पढ़ के देख तू,
कभी थम के देख तू,
कभी थाम के देख तू,
कभी मेरे यार,, ज़िन्दगी जी के देख तू!!
कभी पढ़ के देख तू,
इन आसमानों की चाहत को ,
सिर्फ बादल लिए बैठे हैं,,
सुनो, आवाज़ दे रही है,
तुम्हें बुलाने को,
के अभी क्षितिज बचा है छूने को।
कभी पढ़ के देख तू,
तेरी मईया की आँखों को,
छू के देख अपने पापा की हथेली को,
कितने खाब छुपाये बैठे हैं,
कुछ बनना है ज़िन्दगी में,
तो बन के देख आज,
अपने माँ-बाप का बेटा।
कभी पढ़ के देख तू,,
खुद में बनी उस चाहत को,
जिसे बनानी है अमानत उस इरादे को,
कभी पढ़ के देख,
अपने पुरानी यादों को,
उस तकलीफ को,
जो न सिर्फ तुझे मिली थी,
बल्कि तेरी वजह से किसी को मिली थी।
कभी पढ़ के देख,
के अभी क्षितिज बचा है छूने को।
कभी पढ़ के देख तू,
तेरी मईया की आँखों को,
छू के देख अपने पापा की हथेली को,
कितने खाब छुपाये बैठे हैं,
कुछ बनना है ज़िन्दगी में,
तो बन के देख आज,
अपने माँ-बाप का बेटा।
कभी पढ़ के देख तू,,
खुद में बनी उस चाहत को,
जिसे बनानी है अमानत उस इरादे को,
कभी पढ़ के देख,
अपने पुरानी यादों को,
उस तकलीफ को,
जो न सिर्फ तुझे मिली थी,
बल्कि तेरी वजह से किसी को मिली थी।
कभी पढ़ के देख,
उन लोगों की सोच को
जो अपनी नासमझी की बातों से डंक मारते हैं,
चुभोते हैं अपने इरादों को,
तुम्हारे दिल के अंदर,,
पैदा करते हैं,, द्वेष,
जो अपनी नासमझी की बातों से डंक मारते हैं,
चुभोते हैं अपने इरादों को,
तुम्हारे दिल के अंदर,,
पैदा करते हैं,, द्वेष,
पढ़ के देख, फिर समझ के देख,
कितनी सुन्दर है दुनिया,,
यहाँ एक चलते खिलौने को भी
इंसान गिरा देते हैं,,
और उफ़ हम तो इन्सान है।
कभी पढ़ के देख अपनी मोहब्बत के विश्वास को,
उसकी प्यारी बातों को,
कभी पढ़ के देख अपनी मोहब्बत के विश्वास को,
उसकी प्यारी बातों को,
उसकी एक तेरे साथ रहने की आश को।
और कभी वक़्त मिले तो, ये भी पढ़ लेना
ये जंग है , नामक ज़िन्दगी,
खेल-खेल में, इससे कहीं न तू लड़ लेना,,
बस खुदा की एक ही चाहत है,,
उसने तुम्हें दी है ज़िन्दगी ,
इसे जी लेना,
इसे जी लेना।।
कभी वक़्त मिले तो पढ़ लेना।
और कभी वक़्त मिले तो, ये भी पढ़ लेना
ये जंग है , नामक ज़िन्दगी,
खेल-खेल में, इससे कहीं न तू लड़ लेना,,
बस खुदा की एक ही चाहत है,,
उसने तुम्हें दी है ज़िन्दगी ,
इसे जी लेना,
इसे जी लेना।।
कभी वक़्त मिले तो पढ़ लेना।
-Shiva Rajak
June 29th,/2018
June 29th,/2018
8:15pm
Shot By : Shiva Rajak |
शिवा"
मरते देखा है मैंने,,
हजारों आशिको को,
आज खफा मुझसे भी मेरी
ज़िन्दगी है,,
मुझे हो सके तो बचा लेना!!
.
amazing poem heart touching 🙌🙌🙌🙌
ReplyDeleteThank you,,for your support!!☺️☺️
DeleteBeautiful Poem Shiva... Good job. Keep writing. God bless you..
ReplyDeleteThank you bhaiya,
DeleteVery nice
ReplyDeleteThank you !!☺️
DeleteOoh pura awsm bro.....very nice poem
ReplyDeleteThank you
DeleteMe shahbaz hun
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
DeleteHii its akankshya jolly's friend .I have read ur poems they r just awesome . Likhte rehna and hamare chehron main smile late rehna ur new fan.
ReplyDeleteThank u akankshya,,,I will try to write much better for u and others,,☺️
DeleteThanks shiva
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