कौन कहता है? Art By : Ananya Behera Art By : Ananya Behera कौन कहता है वो पत्थर की बनी है? पिघल जाएगी, दिल की बातें कह कर तो देखो। कौन कहता है मंज़िल, सफर से बड़ी है? एक बार उसके संग, बह कर तो देखो। कौन कहता है वो प्यार जताती नहीं? दो पल संग उसके, बीताकर तो देखो। कौन कहता है वो किसी को अपनाती नहीं? दिल के गिले - शिकवे, मिटाकर तो देखो। कौन कहता है वो दुर्गा हो नहीं सकती? उसके गुस्से को कभी संभालकर तो देखो। कौन कहता है मोहब्बत हो नहीं सकती? उसके आँखों में आँखें डालकर तो देखो। कौन कहता है कुछ भी मुश्किल नहीं है? वो रूठे तो एक दफा, मनाकर तो देखो। कौन कहता है उसे कुछ भाता नहीं है? उसके लिए एक कविता बनाकर तो देखो। कौन कहता है वो किसी से झगड़ती नहीं है? उसके सामने, मेरी बुराई करके तो देखो। कौन कहता है मासूमियत अब दिखती नहीं है? नींद से उठकर उस जैसी अंगड़ाई भरके तो देखो। कौन कहता है अब बारिश होती नहीं ...
The 'Poet' made the 'Poem' &
The 'Poem' made the 'Poet'