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कुछ दूर सा है!


कुछ दूर सा है!

कुछ धुँधला, कुछ साफ़ सा है,
सर पर सहर सा कुछ दबाव जोर सा है,
चीख सा, कुछ कमजोर सा है,
शांत हूँ, पर अंदर कुछ शोर सा है,
उस दिन से कुछ नजदीक, कुछ दूर सा है।

उम्र छोटी है पर, ख्वाहिशें कुछ करने की,
हासिल करने की मंज़िले,
कुछ डोर सा है, फीकी है, पर जरूरत पर मोर सा है।
कुछ है दिल में,
महफ़िल में खड़ा हूँ, पर खुद में कुछ कमजोर, हाँ कमजोर सा है।।

आशा है, निराशा है, पर हौसले पे,
परिंदे की उड़ान, कुछ दूर सा है,
खुश हूँ, कि तकलीफ में,
आगे बढ़ना है कि थमना,
मिशाल बनाना है कि मशाल,
खुद में हूँ गुम, कुछ कहानी,
खुदा की खींची दस्तूर सा है।

कुछ तो है, कुछ नूर सा,
कुछ खालीपन,, रस्ते पर,
कुछ फ़तेह हासिल करने का, कुछ गुरूर सा,
अकेले होना का, इस दुनिया में,
अपने माँ बाप को खुश रखने का,
दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ करना,
साँसों में उबाल तो नहीं, पर
इरादा कुछ मगरूर सा है।।

मौत शायद दूर है, उसे भी डर है,
की ये मेरा न, कुछ फितूर सा है,
कुछ किस्मत का कसूर सा है,
कुछ दूर सा है ।।।।।।।।।।।।।।।।।।

-Shiva,, 2aug/8.34pm


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