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एक अनोखी विदेश यात्रा।

Art By : Ananya Behera 

बचपन से ही मन में मेरी
थी विदेश देखने की आशा।
फिर एक दिन माँ को मैंने
बताई अपनी अभिलाषा।

माँ ने कहा चाहता है तो जा
छुट्टियों में घुम आना।
पर आते वक़्त मेरे लिए
कोई तोहफ़ा जरूर लाना।

माँ और धरती माँ से विदा लेकर,
धारण कर के देशी वेश।
हवाई जहाज से उड़कर पहुँचा
मैं पहली दफा विदेश।

देखने और समझने के लिए
विदेश का नज़ारा।
मुझे लेना पड़ा
एक गाइड का सहारा।

वहाँ था काफी ठंड का असर,,
फिर भी हुए हम अग्रसर।

गाइड :- “मैं बताना चाहता हूँ,
आपकी जानकारी हेतु।
इस देश में पूरे साल
रहती है शीत ऋतु।”
मैंने कहा :- “ये कैसा है
इस देश का रसम।
मेरे देश में तो देखे जाते हैं
दुनिया के सारे मौसम।”

देखने उस देश का गुज़र बसर,,
हम फिर हुए अग्रसर।

गाइड :- “ये देखिए इन लोगों
के चेहरे पे हँसी।
यही है बड़े दिन के
वार्षिक जश्न की खुशी।”

मैंने कहा :- “काफ़ी अच्छा है
आपका ये विचार।
पर मेरे भारत में तो होता है हर महीने
कोई ना कोई त्योहार।”

एक बिल्डिंग दिखाकर गाइड कहता है:-
जितना भी बड़ा हो आपका भारत।
पर नहीं होगी आपके देश में
इतनी बड़ी इमारत।

इतना कह कर गाइड का
चेहरा गया निखर।
मैंने कहा भारत में है
दुनिया का सबसे ऊँचा हिमालय शिखर।

हम में हितों का टकराव होता अक्सर,,
हम फिर हुए अग्रसर।

गाइड :- “आपको ये देश भी
आ जाएगा रास।
अगर आप जान लेंगे
इस देश का इतिहास।”

मैंने कहा :- “जब होगा आपको रामायण,
महाभारत और गीता का आभाष।
तभी जान पाएँगे आप
दुनिया का सबसे महान इतिहास।”

गाइड :- “इस देश में जन्में हैं
कई महान रचनाकार,
कवि, लेखक
और उपन्यासकार।”

मैंने हँस कर कहा :- “पहले रचना पढ़ो
प्रेमचंद, बच्चन और टैगोर की।
तो जान जाओगे कि मैंने तुम्हारी बात
क्यूँ नहीं गौर की।”

हमारा विवाद गया पसर,,
हम फिर हुए अग्रसर।

विदेशी गीत सुनाकर गाइड ने पूछा
“कैसा लगा ये तराना।
आपके देश में तो नहीं होता होगा
इस प्रकार का गाना।”

मैंने कहा :- “हमारे यहाँ बड़ी मनभावन होती है
शेरो - शायरी और संगीत।
बड़े लुभावने होते हैं
हमारे यहाँ लोकगीत।”

गाइड :- “एक बात बताना चाहता हूँ
मैं फिर एक बार।
हम सब एक से हैं,
हम सब में है काफी प्यार।”

मैंने कहा :- “भारत में भी देख सकेंगे
आप प्यार का नज़ारा।
अनेकता में एकता
और भरपूर भाईचारा।”

गाइड ने तर्क - वितर्क में नहीं रखा कोई कसर,,
हम आगे हुए अग्रसर।

गाइड :- “ये देश काफी समृध्द है,
उन्नत है कुछ ऐसे।
कि काफी अमीर हैं यहाँ के लोग,
है इनके पास काफी पैसे।”

मैंने कहा :- “होंगे काफी अमीर आप,
पर है अमीर हमारा मन।
है खूबसूरत हमारा देश,
है जहाँ लाज शर्म का धन।”

गाइड :- “एक बात पड़ेगी
आपको बतानी।
इस देश में मिलेगी आपको
अनगिनत प्रेम कहानी।”

मैंने कहा :- “युगों - युगों से हो रही है
भारत में प्रेम की पहल।
क्या आपने देखा नहीं है
प्रेम का मूरत ताजमहल?”

हीर - रांझा, लैला - मजनू
सोनी - माहिवाल तथा
विश्व भर में प्रसिद्ध है
राधा - कृष्ण की प्रेम कथा।

जब हुआ गाइड का ऐसा हसर,,
हम फिर से हुए अग्रसर।

गाइड :- “ये देखिए, ये इस देश का
सुंदर गिरजाघर है।
जहाँ लोगों की ख्वाहिश
सुनते ईशु हर पहर हैं।”

मैंने कहा :- “श्रद्धा की असीमता से ही तो लोग
भारतीय को पहचान लेते हैं।
हम वो लोग हैं जो पत्थर में भी
भगवान मान लेते हैं।”

एक होटल में ले जाकर गाइड कहता है
“यहाँ मिल जाएगा आपको हर नजराना।”
मैंने कहा “क्या मिल सकता है
माँ के हाथ का खाना… ?”

दूसरे ही दिन मैं भारत लौट आया।
और उस गाइड को भारत आने का निमंत्रण भी दे आया।

माँ ने कहा “तू तो विदेश भ्रमण में गया था।
इतनी जल्दी कैसे हो आया रवाना।”
मैंने कहा “विदेश में मुझे नहीं मिला
तेरे हाथों का खाना।”

माँ ने कहा “तू मेरे लिए विदेश से
क्या लेके आया?”
मैंने कहा “विदेश में कुछ नहीं मुझे
तेरे लिए भाया।”

“जैसे ही मुझे तेरी और मातृभूमि
की यादों ने सताया।
उसी क्षण मैं उड़ते - उड़ते
भारत लौट आया… ”
-दीपक कुमार साहू
-Deepak Kumar Sahu
13/12/2014
05:33:52 PM

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