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मुलाकात

मुलाकात 


वो शाम जो अब तक उधार थी
कल उसका हिसाब होगा।
कल कहीं अकेले में
मेरे सवालों पर उसका जवाब होगा।

प्यार के मूल पर आँसू रुपी
ब्याज की बरसात होने वाली है।
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है।

कल इतने दिनों बाद
उसका दीदार होगा।
एक झूठ मूठ के झगड़े से
शुरु हमारा प्यार होगा।

उससे मिल कर फिर नए सिरे से
जीवन की शुरुआत होने वाली है।
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है ।

“इतने दिन मेरी याद नहीं आई?”
ये तो जरूर पूछूँगा।
उसको सताने को जान बूझकर
झूठ मूठ का रूठूँगा।

कुछ इधर की बातें, कुछ उधर की,
ना जाने क्या क्या बात होने वाली है?
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है

गुस्सा, प्यार, करुणा, जलन
मेरे चेहरे पर ये सब रँग होंगे।
इस दुनिया से दूर कहीं,
वो, मैं और दो कॉफी संग होंगे।

कल अमावस है, पर उसके होने पर
पूनम की रात होने वाली है।
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है ।

उसे मेरी कोई बात बुरी ना लगे,
इसका भी खयाल होगा।
अब तक प्यार छिपा रखा था,
इसका ज़रा मलाल होगा।

कल ग़मों की छुट्टि और
खुशियों की सौगात होने वाली है
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है।

‘मेन्यू कार्ड’ के ओट से
उसको देखेंगे ये नैन।
तभी मालूम होगा कि
ये कितने थे बेचैन।

फिर उस रानी से
इस राजा की मात होने वाली है।
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है ।

उसको हँसता देखकर
ये दुनिया फुसफुसाएगी।
मेरे नाम से चिढ़ाने पर।
वो फिर से मुस्कुराएगी।

मुझे दुनिया की परवाह नहीं
क्यूँकि वो मेरे साथ होने वाली है ।
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है।

हम खाना तो खाएंगे पर
खाने पे किसका ध्यान रहेगा?
उसकी छोटी छोटी अदाओं
का ही मुझको भान रहेगा।

मैं अकेला नहीं, बल्कि
संग मेरे यादों की बारात होने वाली है।
कल मेरी और उसकी, मुलाकात होने वाली है

जब मैं उसे अपने हाथों से खिलाउँगा,
वो मेरी उँगलियाँ काट खाएगी।
मेरी छोटी बड़ी गलतियों पर
वो मुझको डांट लगाएगी।

फिर से काम के खातिर
“विदा लेने की अनुमति” आघात होने वाली है
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है

ख़ैर उन लम्हों को इसी तरह
शब्दों में संजो कर रखूँगा।
हर इक पल को बीज की तरह
दिल की ज़मी में बो कर रखूँगा।

ये जान लो उस पे लिखी
हर कविता विख्यात होने वाली है।
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है।

उससे मिलने की बेचैनी में
कल का इंतज़ार नहीं हो रहा है।
और सबसे कहता फिरता हूँ
मुझे प्यार नहीं हो रहा है।

ख़ैर सोने चलता हूँ,
देखो ना बाहर, रात होने वाली है।
कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है।
-दीपक कुमार साहू
-Deepak Kumar Sahu
11/02/2018
07:04:00 PM

शब्दार्थ
मूल - Principal Amount
ब्याज - Interest
मलाल - Repentance
भान - to know
संजोना - to keep something with care
आघात - Hurt
विख्यात - popular 

Comments

  1. Kamaal hai bhaiya . I am from Gnps bhaiya and u r from which batch?

    ReplyDelete
  2. 2013 batch pass out. I left after 10th..

    ReplyDelete

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