दो रूहे दूर रहें, जिस्मों के मिलने से कोई यार नहीं होता।
माना इश्क़ की फितरत है, दूर हो जाते है आशिक़ सच्चे,
पर हाँ, शिकायत है उन लोगों से,
जो वादे झूठे करते हैं सोच के हमें बच्चे।
आजमा के देखा मैंने भी,
इतना तो जाना,
बन के आशिक़ दीवाना,
पक्के - कठोर लोग भी टूट जाते हैं,
ये ही इश्क़ की है तालीम, यही अफसाना।
पहले पहल,, अकेले रह खुश रहता था,
अब तो साथ रह भी मुस्कुराया नहीं करता।
हाँ ये सब इस झूठे बंधन की देन है,
मनो या न मानो,, इंसान - insane है,,
अगर मुलाक़ात हुई ज़िन्दगी में कभी,
मन से सच्चे चाहने वालों से,
बन के आशिर्वाद, दुआ उनकी पूरा करने
लग जाऊँगा,
मैं,, उनका हो जाऊँगा।
मैं उनका हो जाऊँगा।
Shiva rajak
6 july 7.56 pm
Nice one shiva
ReplyDelete☺️☺️thank you bhaiya..
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