शर्मा जी का लड़का शर्मा जी के लड़के को हर कोई काबिल बताता है, ना किसी से उसका नाता है, ना किसी से बतियाता है... बचपन से हँसमुख लड़का किसी बड़े इमारत में बैठे, आज हर पल घबराता है, डर डर के मुस्कुराता है... लंबी जिम्मेदारियाँ लेने की उसमें हिम्मत नहीं, वो छोटे पौधे लगाता है पर पेड़ नहीं लगाता है... अब छोटी खुशियाँ उसे खुश नहीं करती, वो खामियाँ ज्यादा गिनाता है, शुक्र कम मनाता है... आने वाले कल की फ़िक्र में जागते-जागते, वो देर तक सो जाता है पर सपने नहीं सजाता है... उलझा है अपने नौकरी में कुछ इस तरह कि खाना जरूर खाता है पर स्वाद नहीं बताता है... जीवन की इस होड़ से निकलने की चाह में, वो फॉरम तो भर आता है पर सवाल नहीं लगाता है... गर्मी की धूप और बारिश की बूँद उसे याद करती है, वो पतंग नहीं उड़ाता है, अब छाता ओढ़ के आता है... त्योहारों की खुशियाँ देखे बरसों बीत गए, वो घर तो नहीं जाता है, पर पैसे खूब कमाता है... जैसे किसी को उम्र कैद की सजा मिली हो, वो ऑफिस से लौट के आता है और...
बंबई की बरसात Image Credit : Meta AI ईश्वर का सौगात हो तुम, जिंदगी की शुरुआत हो तुम सबसे छुपाकर रखा जाए,, प्यारी सी वो बात हो तुम, इंतजार को परखा जाए,, छठ पूजा की रात हो तुम, देखने को मन ललचाए,, पूनम का महताब हो तुम, नींद में भी हम मुस्काए,, भोरे भोर का ख्वाब हो तुम वेद पुराण सब व्यर्थ हो जाए,, अगर किसी को ज्ञात हो तुम बातों में कोई जीत ना पाए,, आखिरी शय और मात हो तुम चलते जाता हूँ मुस्काए,, जब से मेरे साथ हो तुम, याद तुम्हारी इतनी आए दिल के ऐसे ज़ज्बात हो तुम अब तुमको कैसे समझाएं मेरी पूरी कायनात हो तुम कोई तुम्हारे करीब आ जाए तब ईर्ष्या का उत्पात हो तुम प्रेम की तरह हम बहते जाएं गंगा की वो घाट हो तुम याद जो, हर बार याद आए उस शाम की मुलाकात हो तुम कभी हँसे तो कभी रुलाए बंबई की बरसात हो तुम... - दीपक कुमार साहू 23rd July 2025 02 : 00 : 35 AM