मुलाकात वो शाम जो अब तक उधार थी कल उसका हिसाब होगा। कल कहीं अकेले में मेरे सवालों पर उसका जवाब होगा। प्यार के मूल पर आँसू रुपी ब्याज की बरसात होने वाली है। कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है। कल इतने दिनों बाद उसका दीदार होगा। एक झूठ मूठ के झगड़े से शुरु हमारा प्यार होगा। उससे मिल कर फिर नए सिरे से जीवन की शुरुआत होने वाली है। कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है । “इतने दिन मेरी याद नहीं आई?” ये तो जरूर पूछूँगा। उसको सताने को जान बूझकर झूठ मूठ का रूठूँगा। कुछ इधर की बातें, कुछ उधर की, ना जाने क्या क्या बात होने वाली है? कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है गुस्सा, प्यार, करुणा, जलन मेरे चेहरे पर ये सब रँग होंगे। इस दुनिया से दूर कहीं, वो, मैं और दो कॉफी संग होंगे। कल अमावस है, पर उसके होने पर पूनम की रात होने वाली है। कल मेरी और उसकी मुलाकात होने वाली है । उसे मेरी कोई बात बुरी ना लगे, इसका भी खयाल होगा। अब तक प्यार छिपा रखा था, इसका ज़रा मलाल होगा। कल ग़मों की छुट्टि और खुशियों की स...
The 'Poet' made the 'Poem' &
The 'Poem' made the 'Poet'