पल भर के लिए मुझको देख
कितना खुश हो जाती थी।
घंटों बातें करते करते मेरे
आँखों में खो जाती थी।
आँखों में तेरी मुझे वही इकरार चाहिए
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए
कॉलेज के बहाने हमने
कितनी फ़िल्में देखीं हैं।
सिर्फ तुमको मुझको मालूम है कि
फ़िल्में किसने देखी हैं?
थिएटर के भीतर वाला, वही अंधकार चाहिए,
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए
तेरी तस्वीरें ले ले कर
खुद खिंचवानी भूल जाता था।
तेरी उँगली, से भी जब
मेरा फोन खुल जाता था।
फोन पर मेरे, तेरा फिर, वही अधिकार चाहिए
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए
लुडो खेलते-खेलते, मैं तेरी
गोटी मार ना पाता था।
तेरे जीतने पर झूठ मूठ का
मुह बना के रूठ जाता था।
तेरी वो मुस्कान जीतकर, मुझको हार चाहिए,
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए
जब हम मिले थे तब
उम्र छोटी थी पर इरादे पक्के थे।
मासूम इश्क में हमने तो
बच्चों के नाम सोच रक्खे थे।
आज भी मुझे तेरे साथ पूरा परिवार चाहिए
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए
मेरी छोटी बड़ी हर कामयाबी
तुमको पहले बताता था।
तुम खुशी से ट्रीट माँगती,
और मैं डेट पे ले जाता था।
फिर से मेरी खुशियों का हिस्सेदार चाहिए,
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए
मैं लिखा करता था तुमको
और तुम मुझको गाती थी।
मेरे तारीफ़ करने पर तुम
शर्माती थी मुस्काती थी।
मुझको पूरा करने वाली वही कलाकार चाहिए
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए
पहले भी हम लड़ते थे,
रोते थे चिल्लाते थे।
इक दूसरे को माफ़ कर के
फिर से एक हो जाते थे।
अब खामोशी में खो गया जो, मेरा यार चाहिए,
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए
हम दोस्त थे पहले फिर प्यार हुआ
हुए दूर बहुत दूर, तेरा हाथ मुझसे छूट गया।
खोया इन्सां मैंने एक
पर रिश्ता दोनों टूट गया।
मुझको वापस मेरा दोस्त,मेरा दिलदार चाहिए
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए,
मुझको मेरे हिस्से का वही प्यार चाहिए…
-दीपक कुमार साहू
22nd September 2022
4:19:52 PM
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