एक घर है जहाँ अपने रहते हैं,
एक कमरा है जहाँ सपने रहते हैं।
एक ताख है जहाँ तस्वीर रखी है,
एक टेबल है, जहाँ माँ ने खीर रखी है।
एक डॉगी है जो मुझे जान से प्यारा है,
एक टेड्डी है जो मेरा दुलारा है,
इन्हीं के संग कुछ आखिरी पल बीता रही हूँ,
मैं सब कुछ छोड़कर जा रही हूँ….
एक फ्रिज है, जहाँ से आइसक्रीम चुराती हूँ,
एक गुड़िया है जिसे कहानियाँ सुनाती हूँ।
एक दीवार है, जहाँ मेरे मेडल टंगे हैं,
एक खिड़की, एक दरवाजा है जिसे मैंने रंगे हैं।
एक गुल्लक है जिसमें पैसे जमा हैं,
एक शहर है जहाँ आज भी हसीन समा है।
इन्हीं के संग कुछ आखिरी पल बीता रही हूँ,
मैं सब कुछ छोड़कर जा रही हूँ….
एक आँगन हैं जहाँ कुछ फुल खिले हैं,
एक स्कूल है जहाँ से जीवन के उसूल मिले हैं।
एक आईना है जिसे देखकर सवरती हूँ,
एक छिपकली है जिससे आज भी डरती हूँ।
एक रसोई है जहाँ मुझे जाने से परहेज है,
एक कोना है जहाँ स्वयं महादेव हैं।
एक किताब है जिसे पूरा पढ़ा नहीं,
एक साइकिल है जिससे मन अभी भरा नहीं।
इन्हीं के संग कुछ आखिरी पल बीता रही हूँ,
मैं सब कुछ छोड़कर जा रही हूँ….
एक माँ है जो बहुत प्यार करती है,
देर तक सोई रहूँ तो फटकार करती है।
एक पिता है जो परेशानियों के धूप में बरगद है,
जिसकी हिम्मत देख मेरा हृदय गदगद है।
एक भाई है जो आज भी मुझसे लड़ता है,
पर तकलीफ में देख मुझे जान न्यौछावर करता है।
एक बचपन की दोस्त है जिससे सब कुछ कह सकती हूँ,
बिन बुलाए कभी भी उसके घर रह सकती हूँ।
एक लड़का है जो आज भी मेरा इंतजार करता है,
देखा है आँखों में उसके…. मुझसे प्यार करता है।
इन्हीं के संग कुछ आखिरी पल बीता रही हूँ,
मैं सब कुछ छोड़कर जा रही हूँ….
मैं सब कुछ छोड़कर जा रही हूँ…..
-दीपक कुमार साहू
17/01/2021
09:19 AM
Nice 👍 .... Good effort deepak
ReplyDeleteThank you sir😇😇😇
DeleteNice lines ....
ReplyDeleteAwesome deepak
ReplyDeleteThanks 😇
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