चलो पगडंडियाँ कई हैं,
कोई बढ़ती आगे ,
कोई रुकी फंसी है,
आसान नहीं है,
क्या मुश्किल है चलना!
ज़मीन मिट्टी की है,
वाजिब है फिसलना!
समझने की बात है,
हर तरफ खुशी है"
चलो तुम पगडंडियाँ कई हैं!!
अंत किसने देखा है,
तो डरते हो किस बात पर तुम,
हर पल साथ हमारे है खुदा
तो
फिर आजमाने में क्या है गम!
चलो पगडंडियाँ कई है,
डरते क्यों हो तुम!!☺️
`writer
`shiva °rajak•
March 4/2k19
कोई बढ़ती आगे ,
कोई रुकी फंसी है,
आसान नहीं है,
क्या मुश्किल है चलना!
ज़मीन मिट्टी की है,
वाजिब है फिसलना!
समझने की बात है,
हर तरफ खुशी है"
चलो तुम पगडंडियाँ कई हैं!!
अंत किसने देखा है,
तो डरते हो किस बात पर तुम,
हर पल साथ हमारे है खुदा
तो
फिर आजमाने में क्या है गम!
चलो पगडंडियाँ कई है,
डरते क्यों हो तुम!!☺️
`writer
`shiva °rajak•
March 4/2k19
Awesome poem shiva Heart touching Keep writing
ReplyDelete😍😍 thank u bhaiya
DeleteBhai bahut aacha laga ..😍
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