खामोश रहो Image Credit : Meta AI आता जाता हर कोई पूछेगा,, व़क्त ना आ जाए जब तक, खामोश रहो... हर सैलाब तुम पे ही टूटेगा,, ना चल दो आखिरी दाव, तब तक खामोश रहो... सुनकर याद रखना तुम सारे सवाल, जवाब देने का व़क्त आएगा, खामोश रहो... अपमान अपना तुम भुल ना जाना, हर आँसूं कर्ज चुकाएगा, खामोश रहो... भरी मेहफ़िल में तुमपर चिल्लाया गया, ये कहकर कि "तुम छोटे हो खामोश रहो..." एक नतीजा आएगा, तुम उनसे ऊपर बैठोगे, दिल दुखता है? तुम रोते हो? खामोश रहो... तुम जंग के मैदान में तलवार मत गिराना, इक दिन तख़्त बुलाएगा, खामोश रहो... कृष्ण ने भी माफ़ की थी 99 गलतियाँ,, 100 का आकड़ा आएगा खामोश रहो... साथ वाले साथी सब आगे निकल गए,, तुम्हारा किया हुआ मेहनत सच्चा है खामोश रहो... तुम्हारी क्षमता से डरती थी ये दुनिया,, खुद को बुरा कहने से अच्छा है खामोश रहो... वनवास तुमको भी तोड़ेगा हर पल, श्रीराम की तरह, इंतजार में खामोश रहो... होती है पीड़ा, दुखता है ये दिल,, चीखना है तो जीत में चीख़ना, हार में खामोश रहो... बदलेगा लोगों का लहजा बात करने का,, ताने बन जाएंगीं बधाईयाँ, खामोश रहो.....
The 'Poet' made the 'Poem' &
The 'Poem' made the 'Poet'