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Showing posts from 2024

छठ पूजा

Image Generated by Meta AI रहे दुनिया में कहीं भी पर इस दिन संग आते हैं  बिखरे बिखरे मोती छठ के धागे में बंध जाते हैं...  ये चार दिन साथ पूरा परिवार होता है,  कुछ ऐसा पावन छठ का त्योहार होता है...  भोरे भोर नहाकर सब कद्दू भात खाते हैं,  सात्विक भोजन का अर्थ सारी दुनिया को समझाते हैं,  साफ़ हमारा अच्छी तरह घर द्वार होता है,  कुछ ऐसा पावन छठ का त्योहार होता है...  लकड़ी के चूल्हे पर खरना का प्रसाद बनाते हैं  बच्चे बूढे रोटी खीर, केले के पत्ते पर खाते हैं  दिनभर की भूखी व्रती का ये एकमात्र फलाहार होता है  कुछ ऐसा पावन छठ का त्योहार होता है...  अगले दिन, बाँस की टोकरी में सारे फल सजाते हैं  विश्व-प्रसिद्ध, सबसे स्वादिष्ट, ठेकुआ हम पकाते हैं...  पाँव में अलता और सिंदूर का श्रृंगार होता है  कुछ ऐसा पावन छठ का त्योहार होता है...  मैथल - मगही में सभी लोकगीत गाते हैं  अमीर - गरीब नंगे पाँव चलके घाट आते हैं सर पर रखा दउरा जिम्मेदारी का भार होता है कुछ ऐसा पावन छठ का त्योहार होता है... फल फूल, धूप कपूर, घाट पर शोभ...

टूटता तारा

Image Generated from Meta AI   अगर प्यार में ये दिल मेरा, हारा ना होता,  ये शायरी ना होती, ये मुशायरा ना होता...  मैं सामने बैठे, ब्लैक-बोर्ड ही देखता रह जाता,  काँधे पे हाथ रख, तुमने अगर पुकारा ना होता...  देख कर तुम्हें मेरी धड़कन यूँ ना बढ़ती  उम्र का वो बरस अगर अठारह ना होता...  दिवाली की उसी रात को ही मर जाता मैं अगर,  एक कान में पहना झुमका तुमने उतारा ना होता... हम किसी और को भी ये दिल दे देते अगर  साड़ी पहनकर तुमने खुदको संवारा ना होता...  बात मेरे प्यार की दुनिया में ना आती अगर  दोस्तों के पूछने पर मैंने स्वीकारा ना होता...  प्यार मेरा बढ़ता गया, नंबर मेरे कमते गए,  अब रातों को बिन बात किए मेरा गुजारा ना होता...  सपनों में रोज़ तुम मिलने चली आती थी,  काश तेरे तस्वीर को मैंने इतना निहारा ना होता...  अपने दिल के प्यार को, दिल में ही रखता अगर,  तो दोस्ती और प्यार का यूं बंटवारा ना होता...  इमरोज के प्यार को मिल जाती एहमियत अगर  तो दुनिया की नजर में, मैं भी बेचारा ना होता...  तुम होती...

जरूरी था...?

जज सहाब की मोहर ने मुझे  अकेले रोता छोड़ दिया...  साथ जन्म के रिश्ते को  कानूनी पंडितों ने तोड़ दिया...  कैसे बाटेंगे वो दिन और रात  जो तुमने हमने साथ गुजारे...  ठीक है सारे अच्छे दिन तुम्हारे  और बाकी बुरे दिन हमारे....  चलो उज्जवल भविष्य तुम्हें मुबारक  वो बिता हुआ अतीत मेरे हिस्से है...  तुम्हारी मानो तो तुम सही, मेरी मानो तो मैं  किरदार सभी समान लेकिन अलग अलग किस्से हैं...  ईश्वर की कृपा से बस एक बेटा है  जो तुम्हें मुझसे ज्यादा चाहता है,  माँ - माँ की लत लगाए  तुम्हारे पल्लू से बंधा रहता है,  उसे सोमवार से शनिवार तुम रख लेना,  इतवार मुझे दे देना बस... बेटे से रोज मिलना भी मना है,  सरकारी फरमान ने यूँ किया बेबस...  सारे बर्तन चूल्हा चौकी तुम ले जाना, खाना बनाना तो मैंने कभी सीखा ही नहीं.. जीवन में तुम्हारे आने के बाद,  रसोई का चेहरा मैंने देखा ही नहीं..  हर महीने तुम्हें पैसे भिजवा दूँगा  पर जेब से मेरी अब पैसे कौन निकालेगा... दूध का खर्चा, धोबी का बकाया,  इन सब का हिसा...