ये दिल मेरी सुनता नहीं, इसे तुम्हीं समझाओ ना... तुम्हारी बड़ी याद आ रही है, लौट आओ ना... हम जहाँ छिप छिप के मिलते थे वो रास्ता आज भी बुलाता है... बैठ किनारे पत्थर मारेंगे, देखें किसका कितनी दूर जाता है फिर से मेरे काँधे पर सर रख कर सो जाओ ना... तुम्हारी बड़ी याद आ रही है, लौट आओ ना... एक दूसरे का हाथ पकड़ कर फिर शॉपिंग पर चलेंगे , हर दुकान पर जा जाकर कपड़े, पायल, बिंदिया, झूमके लेंगे सब कुछ पहन कर मुझसे पूछना... "कैसी लग रही हूँ... बताओ ना?" तुम्हारी बड़ी याद आ रही है, लौट आओ ना... मॉल में ले जाकर वो तेरा मेरे लिए कपड़े चुन्ना... रातों को घंटों फोन में तेरी आवाज में गाने सुनना.. मेरी लिए फिर से वही वाला गीत गाओ ना... तुम्हारी बड़ी याद आ रही है, लौट आओ ना... चौक पर गन्ने का रस रास्ते पर नाश्ता और ढाबे का खाना अब अकेले वहाँ स्वाद नहीं आता ऐसा क्यूँ है बताना? मेन्यू पढ़कर इतनी जल्दी खाना कैसे ऑर्डर करती थी तुम, ये मुझे भी सिखाओ ना? तुम...