अध्याय 5 मैं कुछ क्षण के लिए अचंभित रह गया फिर मुस्कराते हुए कहा - नहीं। वह बोला सच बोलिए। मैंने कहा सच बोल रहा हूँ। फिर वह बोला - मेरी एक जी. एफ. है ।मैं बोला - क्या? फिर वह बोला - एक लड़की से मैं करता हूँ। पर मुझे नहीं पता कि वो मुझसे करती है कि नहीं? मैंने पूछा - कहाँ पर रहती है वो? तब उसने बताया कि सिक्किम में। मैंने फिर उसका नाम पूछा। तब उसने बताया कि उसका नाम दृश्या है - उसने धीमे स्वर में कहा। मुझे ठीक से सुनाई नहीं दिया। मैं बोला क्या? क्रिस? फिर उसने कहा क्रिस नहीं दृश्या। मैंने कहा क्या? दिशा? उसने कहा दिशा नहीं दृश्या। आपका कान खराब हो गया है। मैंने कहा - वह नेपाली है ना? तो वो बोला नहीं। वह भी बाहर से आई है मेरी तरह। इस पाँचवी कक्षा के छात्र ने मुझे बड़ा प्रभावित किया मैं मन में हस्ते हुए कहने लगा इक हमारी ही जिंदगी तन्हा रह गई। मैंने एक लेखक की तरह आलोक की मानसिकता पर शोध करना चाहा। हमारी बातें चलती रहीं। उसने कहा - आपको आपके दोस्त चिढ़ाते हैं? मैंने कहा - अभी तो नहीं पर पहले बहुत चिढ़ाते थे। मैंने यही सवाल उससे किया। उसने कहा कि "हाँ मेरे दोस्त मुझे...
The 'Poet' made the 'Poem' &
The 'Poem' made the 'Poet'