Shayari No. 40 By Deepak Kumar Sahu October 17, 2021 तू उस तस्वीर में किसी और की बाहों में थी, बस इतना सा जहर काफ़ी था मेरे मर जाने के लिए Read more
Shayari No. 39 By Deepak Kumar Sahu October 15, 2021 कुछ अफसोस, कुछ लाचारी, कुछ हँसती आँखें घूर रही हैं... इनसे पहले खुदका सामना करना चाहता हूँ, मैं ये शहर छोड़ना चाहता हूँ... Read more
Shayari No. 38 By Deepak Kumar Sahu October 14, 2021 वो पूरा मोहल्ला जो तुझे मेरी मानता था, वहाँ रहना मेरा दुश्वार हो गया जो तूने किसी का हाथ थाम लिया, Read more