Shayari No - 3 By Deepak Kumar Sahu October 31, 2020 Shayari No. 3 कुछ कर्जा है तुम्हारा हम पे, वर्ना कुछ बातें ऐसी कहीं हैं तुमने कि कोई और कहता तो मुड़कर भी ना देखते उसे... Read more