Shayari No - 3 By Deepak Kumar Sahu October 31, 2020 Shayari No. 3 कुछ कर्जा है तुम्हारा हम पे, वर्ना कुछ बातें ऐसी कहीं हैं तुमने कि कोई और कहता तो मुड़कर भी ना देखते उसे... Read more
Shayari No. 2 By Deepak Kumar Sahu October 27, 2020 Shayari No. 2 हर ख्वाहिश का गला मैं खुद घोट देता हूँ,, तूने रवैय्या यूँ बदला कि तेरे एहसान अब भीख लगने लगे हैं... Read more
Shayari No. 1 By Deepak Kumar Sahu October 22, 2020 Shayari No. 1 तुमने मोहब्बत को यूँ अय्याशी का नाम दे दिया, कि अब मुस्कराते भी हैं तो पर्दा करते हैं... Read more